पिछले किसी सफ़र का सितारा न ढूँढ ले
फिर से कहीं वो साथ हमारा न ढूँढ ले,
जिस को कि ढूँढती हैं समुंदर की वुसअतें
देखो कहीं वो शख़्स किनारा न ढूँढ ले,
मंज़िल है उस के नाम बस इतना रहे ख़याल
रस्ते में नक़्श ए पा वो हमारा न ढूँढ ले,
मानी थी एक बार जो दिल ने ख़िरद की बात
वैसा ये एतिदाल दोबारा न ढूँढ ले,
होता नहीं किसी से हक़ इस का अदा फ़रोग़
क्यूँ ज़िंदगी अजल का सहारा न ढूँढ ले..??
~फ़रोग़ ज़ैदी