उस ने यूँ रास्ता दिया मुझ को

उस ने यूँ रास्ता दिया मुझ को
रास्ते से हटा दिया मुझ को,

दूर करने के वास्ते ख़ुद से
ख़ुद का ही वास्ता दिया मुझ को,

मौत ही कुछ सुकून दे शायद
ज़िंदगी ने थका दिया मुझ को,

जब मेरे बाल ओ पर शिकस्ता हुए
तब क़फ़स से उड़ा दिया मुझ को,

जिस हवा ने मुझे जलाए रखा
फिर उसी ने बुझा दिया मुझ को..!!

~अक्स समस्तीपुरी

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