ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है

ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है
चाहे जितने नाते जोड़ें एक दिन टूट ही जाना है,

जाने कितने किरदारों से मिल कर बनी कहानी है
पन्ना पन्ना पढ़ता चल ये दुनियाँ एक अफसाना है,

उसकी आँख में थोड़े आँसूं मेरी याद के रहतें हैं
हो सकता है भूल गया हो दिल भी तो बहलाना है,

जाने क्या क्या भूल गए हम तू ही तू बस याद रहा
तुझे भूलाने की कोशिश है जोग तो एक बहाना है,

यादों को पलटा तो ये जाना बीच के पन्ने गायब है
तेरे पास तो होंगे ही फिर क्या पढ़ना पढ़वाना हैं,

मुझ से बिछड़ कर मुझको ढूँढा उम्र गँवाई रस्ते में
जल्दी वापस आ जा जोगी दीपक तो बुझ जाना है..!!


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