एक चिड़ियाँ ने आज ये सवाल किया..
बैठ कर पास मेरे एक चिड़ियाँ ने आज ये सवाल कियाहम तो ठहरे परिंदे, इन्सान ने इन्सान का …
बैठ कर पास मेरे एक चिड़ियाँ ने आज ये सवाल कियाहम तो ठहरे परिंदे, इन्सान ने इन्सान का …
ये जो आवाम में फ़िक्र ए आम है सियासतमेरे मुल्क की तो बिल्कुल खाम है सियासत, नफ़रत का …
इन्सान भूल चुका है इन्सान की क़ीमतबाज़ार में बढ़ गई आज हैवान की क़ीमत, इक्तिदार में आते है …
तन्हाइयो में अश्क बहाने से क्या मिलाख़ुद को दीया बना के जलाने से क्या मिला ? मुझसे बिछड़ …
इश्क़ सहरा है कि दरियाँ कभी सोचा तुमनेतुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने ? हाँ मैं …
हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते हैयही है वजह कि हम लोग दगा करते है, हम …
वो दौर और था वो महबूबा और थीजिनके आशिको को इश्क़ में मुक़ाम मिला है ये दौर और …
कल यूँ ही तेरा तज़किरा निकलाफिर जो यादो का सिलसिला निकलालोग कब कब के आशना निकलेवक़्त कितना गुरेज़ …
आँख से फिर न बहेगा दिल ए बर्बाद का दुःखजब परीजाद समझ लेगी अनाज़ाद का दुःख याद करता …
लम्हे लम्हे के सियासत पर नज़र रखते हैहमसे दीवाने भी दुनियाँ की ख़बर रखते है इतने नादान भी …