मेरे दुख की कोई दवा न करो
मुझको मुझ से अभी जुदा न करो,
नाख़ुदा को ख़ुदा कहा है तो फिर
डूब जाओ ख़ुदा ख़ुदा न करो,
ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बन कर कभी वफ़ा न करो,
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो,
आशिक़ी हो कि बंदगी फ़ाकिर
बेदिली से तो इब्तिदा न करो..!!
~सुदर्शन फ़ाकिर