लोग कहते हैं ज़माने में मुहब्बत कम है
ये अगर सच है तो इस में हकीक़त कम है,
चंद लोगों ने अगर महल बना रखें हैं
इसका मतलब नहीं कि शहर में गुर्बत कम है,
एक हम ही न थे जो यूँ फ़रामोश हुए वरना
भूल जाने की उस शख्स को आदत कम है,
क्यूँ न हम छोड़ चलें शहर की रौनक सागर
वैसे भी अब इसे अपनी ज़रूरत कम है..!!
~सागर सिद्दीकी