झूठी ख़बरें गढ़ने वाले झूठे शेर सुनाने वाले

झूठी ख़बरें गढ़ने वाले झूठे शेर सुनाने वाले
लोगो सब्र कि अपने किए की जल्द सज़ा हैं पाने वाले,

दर्द आँखों से बहता है और चेहरा सब कुछ कहता है
ये मत लिखो वो मत लिखो आए बड़े समझाने वाले,

ख़ुद काटेंगे अपनी मुश्किल ख़ुद पाएँगे अपनी मंज़िल
राहज़नों से भी बदतर हैं राहनुमा कहलाने वाले,

उन से प्यार किया है हम ने उन की राह में हम बैठे हैं
नामुम्किन है जिन का मिलना और नहीं जो आने वाले,

उन पर भी हँसती थी दुनिया आवाज़ें कसती थी दुनिया
जालिब अपनी ही सूरत थे इश्क़ में जाँ से जाने वाले..!!

~हबीब जालिब

ख़ूब आज़ादी ए सहाफ़त है

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