जैसा हूँ स्वीकार तुम्हीं तो करती हो
बिना शर्त के प्यार तुम्हीं तो करती हो,
अपनी दिलकश अदा दिखा कर अक्सर ही
तीर जिगर के पार तुम्हीं तो करती हो,
क्या महँगा, क्या सस्ता कुछ परवाह नहीं
मेरा बंटाधार तुम्हीं तो करती हो,
घर में जो भी अच्छा है वो तुमसे है
सबकुछ हे सरकार! तुम्हीं तो करती हो,
तुम हो तो दिन होली, रात दिवाली है
जीवन को त्योहार तुम्हीं तो करती हो,
पूजा, जप, उपवास, प्रार्थना ईश्वर से
मेरी ख़ातिर यार! तुम्हीं तो करती हो,
जीवन रण में मुझ अर्जुन की कान्हा बन
लड़ने को तैय्यार तुम्हीं तो करती हो..!!
~ शिवेंद्र मिश्र
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