इंद्रधनुषी रंग में महकी हुई तहरीर है
अमृता की शायरी एक बोलती तस्वीर है,
टूटते रिश्तों की तल्ख़ी है मेरे अश्आर में
वाक़ई पंजाब के माटी की ये तासीर है,
दिल को तड़पाती है असफल प्यार की तीखी चुभन
शबनमी होंठों पे गोया दास्तान ए हीर है,
बारहा दुनिया में जिस औरत को रुस्वाई मिली
तेरी नज़्मों में वो बर्ग ए गुल नहीं शमशीर है,
गंगाजल से वोदका तक ये सफ़रनामा अदम
अहल ए पंजाबी अदब में एक नई तामीर है..!!
~अदम गोंडवी


























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