दूर रह कर भी मेरे दिल के पास है

दूर रह कर भी मेरे दिल के पास है
तेरी यादों में हर पल का एहसास है,

तेरी साँसों से महका हुआ हर चमन
तेरे बिना जहाँ सारा वीरान उदास है,

तेरी आँखों में मिलता है नूर ए हयात
तेरे वादे ही तो मेरे जीने का विश्वास है,

तेरे लफ़्ज़ों से सजती है मेरी हर ग़ज़ल
तेरे होने से दिल में अजब सा उजास है,

तेरे बिन तन्हाई भी करती है सवाल
तेरी इनायत ही मेरी तमाम तलाश है,

हमदम तेरा ज़िक्र है मेरी दुआओं में
एक तेरी मोहब्बत ही मेरी हर साँस है..!!

संबंधित अश'आर | गज़लें

Leave a Reply