दूर होते हुए क़दमों की ख़बर जाती है

door-hote-hue-qadmo

दूर होते हुए क़दमों की ख़बर जाती है ख़ुश्क पत्ते को लिए गर्द ए सफ़र जाती है, पास

उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी…

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उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी, मुझे छूने की ख़्वाहिश कौन करता

महफ़िलें लुट गईं जज़्बात ने दम तोड़ दिया

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महफ़िलें लुट गईं जज़्बात ने दम तोड़ दिया साज़ ख़ामोश हैं नग़्मात ने दम तोड़ दिया, हर मसर्रत

चेहरे पे सारे शहर के गर्द ए मलाल है…

chehre-pe-saare-shahar

चेहरे पे सारे शहर के गर्द ए मलाल है जो दिल का हाल है वही दिल्ली का हाल

ख़्वाब का रिश्ता हक़ीक़त से न जोड़ा जाए

ख़्वाब का रिश्ता हक़ीक़त

ख़्वाब का रिश्ता हक़ीक़त से न जोड़ा जाए आईना है इसे पत्थर से न तोड़ा जाए, अब भी

दुनियाँ में शातिर नहीं अब शरीफ़ लटकते है

duniyan-me-shatir-nahi

दुनियाँ में शातिर नहीं अब शरीफ़ लटकते है अब सच्चो की बात छोड़ो वो तो सर पटकते है,

रंग ए नफ़रत तेरे दिल से उतरता है कभी ?

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रंग ए नफ़रत तेरे दिल से उतरता है कभी ? एक रवैया है मुरव्वत, उसे बरता है कभी

यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ?

yahan-marne-ki-duaayen

यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ? यहाँ जीने की तमन्ना कौन करे ? ये दुनियाँ हो या

काम उसके सारे ही सय्याद वाले है…

kaam-uske-saare-hi

काम उसके सारे ही सय्याद वाले है मगर मैं उसे बहेलिया नहीं लिखता सर्दियाँ जितनी हो सब सह

हमसे तो किसी काम की बुनियाद न होवे

hamse-to-kisi-kaam-ki

हम से तो किसी काम की बुनियाद न होवे जब तक कि उधर ही से कुछ इमदाद न