पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा

पराई आग पे रोटी

पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा मैं भीग जाऊँगा छतरी नहीं बनाऊँगा, अगर ख़ुदा ने बनाने का इख़्तियार

देखो अभी लहू की एक धार चल रही है

देखो अभी लहू की

देखो अभी लहू की एक धार चल रही है बाज़ू कटे हैं फिर भी तलवार चल रही है,

बदन और रूह में झगड़ा पड़ा है

बदन और रूह में

बदन और रूह में झगड़ा पड़ा है कि हिस्सा इश्क़ में किस का बड़ा है ? हुजूम ए

हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है

हर गली कूचे में

हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है शहर में जो भी हुआ है वो ख़ता मेरी

दिल की बात लबों पर ला कर…

दिल की बात लबों

दिल की बात लबों पर ला कर अब तक हम दुख सहते हैं हम ने सुना था इस

अगर न रोये तो आँखों पे बोझ पड़ता है

अगर न रोये तो

अगर न रोये तो आँखों पे बोझ पड़ता है करें जो गिर्या तो रातों पे बोझ पड़ता है,

आइए आसमाँ की ओर चलें

आइए आसमाँ की ओर

आइए आसमाँ की ओर चलें साथ ले कर ज़मीं का शोर चलें, चाँद उल्फ़त का इस्तिआरा है जिस

ख़िज़ाँ में ओढ़ के क़ौल ओ…

ख़िज़ाँ में ओढ़ के

ख़िज़ाँ में ओढ़ के क़ौल ओ क़रार का मौसम बहार ढूँढ रही है बहार का मौसम, वो मेरे

आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता

आँखों पर पलकों का

आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता दर्द का रिश्ता अपनी आन नहीं खोता, बस्ती के हस्सास दिलों

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम

रंग पैराहन का ख़ुशबू

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम मौसम ए गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम,