फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह

Falsafe Ishq me pesh

फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह हम परेशाँ ही रहे अपने ख़यालों की तरह, शीशागर बैठे

ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं

Zindagi tujh ko jiya

ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं ज़हर ख़ुद मैं ने पिया है कोई अफ़्सोस नहीं, मैंने

अहल ए उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है

Ahl e ulfat ke

अहल ए उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है लैला मजनूँ की मिसालों पे हँसी आती है, जब

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं

Patthar ke khuda patthar

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं तुम शहर ए मोहब्बत कहते हो

शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया

Shayad main zindagi ki

शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया क़ातिल को आज अपने ही घर ले के आ

किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

kisi ranjish ko hawa

किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी मुझको एहसास दिला दो कि मैं ज़िंदा हूँ

मेरे दुख की कोई दवा न करो

Mere Dukh ki koi

मेरे दुख की कोई दवा न करो मुझको मुझ से अभी जुदा न करो, नाख़ुदा को ख़ुदा कहा

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

Samne hai jo use

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं,

कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया

Kuch to duniya ki

कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया और कुछ तल्ख़ी ए हालात ने दिल तोड़ दिया,

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

Agar hum kahe aur

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें हम उन के लिए ज़िंदगानी लुटा दें, हर एक मोड़ पर