हमारे दिल पे जो ज़ख़्मों का बाब लिखा है

hamare dil pe zakhmo ka jo bab likha hai

हमारे दिल पे जो ज़ख़्मों का बाब लिखा है इसी में वक़्त का सारा हिसाब लिखा है, कुछ

एक मकाँ और बुलंदी पे बनाने न दिया

ek maqaan aur bulandi pe banane na diya

एक मकाँ और बुलंदी पे बनाने न दिया हमको परवाज़ का मौक़ा ही हवा ने न दिया, तू

आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई

aankh bhar aai jo kisi se mulaqat hui

आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई, दिन भी

मैंने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है

maine ae dil tujhe sine se lagaya hua hai

मैंने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है और तू है कि मेरी जान को आया हुआ

शाम अपनी बेमज़ा जाती है रोज़…

shaam apni be maza jaati hai roz

शाम अपनी बेमज़ा जाती है रोज़ और सितम ये है कि आ जाती है रोज़, कोई दिन आसाँ

सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की

suni hai chaap bahut waqt ke guzarne ki

सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की मगर ये ज़ख़्म कि हसरत है जिसके भरने की, हमारे

ख़्वाब दिखाने वाले से होशियार रहो

khwab dikhane wale se hoshiyar raho

ख़्वाब दिखाने वाले से होशियार रहो जादूगर की चालो से होशियार रहो, गाफ़िल ज़रा हुए तो सर कट

दुनियाँ बदल गई है, ज़माना बदल गया है

duniyan badl gai hai zamana badal gaya hai

दुनियाँ बदल गई है, ज़माना बदल गया है यहाँ जीने का अंदाज़ पुराना बदल गया है, दोस्त अहबाब

गूँगे लफ़्ज़ों का ये बेसम्त सफ़र मेरा है

googne lafzon ka ye besamt safar mera hai

गूँगे लफ़्ज़ों का ये बेसम्त सफ़र मेरा है गुफ़्तुगू उसकी है लहजे में असर मेरा है, मैं ने

भीड़ में कोई शनासा भी नहीं छोड़ती है

bhid me koi shanasa bhi nahi chhodti hai

भीड़ में कोई शनासा भी नहीं छोड़ती है ज़िंदगी मुझको अकेला भी नहीं छोड़ती है, आफ़ियत का कोई