सितमगरों के सितम की उड़ान कुछ…

sitamgaro ke sitam ki udaan kuch kam hai

सितमगरों के सितम की उड़ान कुछ कम है अभी ज़मीं के लिए आसमान कुछ कम है, जो इस

कोई बचने का नहीं सब का पता जानती है

koi bachne ka nahi sab ka pata janti hai

कोई बचने का नहीं सब का पता जानती है किस तरफ़ आग लगाना है हवा जानती है, उजले

हिंदू या मुस्लिम के अहसासात को मत…

hindu ya muslim ke ahsas ko mat chhediye

हिंदू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए अपनी कुर्सी के लिए जज़्बात को मत छेड़िए, हम में

नूर ए नज़र, चाँद, और आफ़ताब है बच्चे

noor e nazar chaand aur aaftab hai bachche

नूर ए नज़र, चाँद, और आफ़ताब है बच्चे रौशन चेहरे लिए खुली क़िताब है बच्चे, स्कूल की यूनिफार्म

मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ…

main ise odhta bichhata hoo wo gazal aapko sunata hoon

मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ, एक जंगल है तेरी आंखों में मैं जहाँ

कुछ देर का है रोना, कुछ देर की हँसी है

kuch der ka hai rona kuch der ki hansi hai

कुछ देर का है रोना, कुछ देर की हँसी है कहीं ठहरती नहीं इसी का नाम ज़िन्दगी है,

पा सके न सुकूं जो जीते जी वो मर के…

paa sake na sukun jo jite ji wo mar ke kahan payenge

पा सके न सुकूं जो जीते जी वो मर के कहाँ पाएँगे शहर के बेचैन परिंदे फिर लौट

नहीं होती अगर बारिश तो पत्थर हो…

nahi hoti agar barish to patthar ho gaye hote

नहीं होती अगर बारिश तो पत्थर हो गए होते ये सारे लहलहाते खेत बंज़र हो गए होते, तेरे

सहर ने अंधी गली की तरफ़ नहीं देखा

sahar ne andhi gali ki taraf nahi dekha

सहर ने अंधी गली की तरफ़ नहीं देखा जिसे तलब थी उसी की तरफ़ नहीं देखा, क़लक़ था

ये जो पल है ये पिछले पल से भी भारी है

ye jo pal hai ye pichle pal se bhari hai

ये जो पल है ये पिछले पल से भी भारी है हमसे पूछो हमने ज़िन्दगी कैसे गुज़ारी है,