आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं कल की ख़बर नहीं, आ जाएँ
Gazals
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं कल की ख़बर नहीं, आ जाएँ
तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है मिसाल-ए-रंग वो झोंका नज़र भी आता है, तमाम
एक पगली मेरा नाम जो ले शरमाये भी घबराये भी गलियों गलियों मुझसे मिलने आये भी घबराये भी,
वही किस्से है वही बात पुरानी अपनी कौन सुनता है भला राम कहानी अपनी, सितमगर को ये हमदर्द
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो आँख सच बोलती हैं प्यार छुपाया न करो, लोग
उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती बिछड़ जाना मुहब्बत की सदाकत की अलामत है मुहब्बत एक
नहीं डरता मैं काँटो से मगर फूलो से डरता हूँ चुभन दे जाएँ जो दिल को मैं उन
कभी याद आऊँ तो पूछना ज़रा अपनी फ़ुर्सत ए शाम से किसे इश्क़ था तेरी ज़ात से किसे
सुना है इस मुहब्बत में बहुत नुक़सान होता है, महकता झूमता जीवन गमो के नाम होता है, सुना
वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है किसी और को वो दिया नहीं, वो जो रिश्ता तुझसे है