इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा
इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा दुनियाँ में जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा, कागज़ …
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इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा दुनियाँ में जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा, कागज़ …
ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे वो बुत भी दिल को ज़रा अब संभाल कर …
ख़ून से लिखता है तावीज़ ए अजल काग़ज़ पर वक़्त करता है अजब सिफली अमल काग़ज़ पर, रंज …
कोई आहट कोई सरगोशी सदा कुछ भी नहीं घर में एक बेहिस ख़मोशी के सिवा कुछ भी नहीं, …
मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं वो न होता तो ग़ज़ल मैं कभी कहता भी …
ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो हरगिज़ ना दुखाना दिल जो चोट खाया हो, जिसे …
ज़िन्दगानी के काम एक तरफ़ अक़द का इंतज़ाम एक तरफ़, हां मुहब्बत का नाम एक तरफ़ साज़ो सामां …
रिश्तों के जब तार उलझने लगते हैं आपस में घर बार उलझने लगते हैं, माज़ी की आँखों में …
चमन में जब भी सबा को गुलाब पूछते हैं तुम्हारी आँख का अहवाल ख़्वाब पूछते हैं, कहाँ कहाँ …
हरिस दिल ने ज़माना कसीर बेचा है किसी ने जिस्म किसी ने ज़मीर बेचा है, नहीं रही बशीरत …