हम वक़्त ए मौत को तो हरगिज़ टाल न पाएँगे
हम वक़्त ए मौत को तो हरगिज़ टाल न पाएँगे हम ख़ाली हाथ आए है और ख़ाली हाथ …
हम वक़्त ए मौत को तो हरगिज़ टाल न पाएँगे हम ख़ाली हाथ आए है और ख़ाली हाथ …
ऐ मेरी क़ौम के लोगो ज़रा होशियार हो जाओउठो अब नींद से जागो के अब बेदार हो जाओ, …
किसी कमज़ोर की जब भी दुआएँ गूँज उठती है अबाबीलों के लश्कर से फज़ाएँ गूँज उठती है, ख़ामोशी …
जब दुश्मनों के चार सू लश्कर निकल पड़े हम भी कफ़न बाँध के सर पर निकल पड़े, जिन …
जिनके घरो में आज भी चूल्हा नहीं जला खाना गर हम उनको खिलाएँ तो ईद है, पानी नहीं …
हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है, रब भी जब चाहे हम साथ …
तुख़्म ए नफ़रत बो रहा है आदमी आदमियत खो रहा है आदमी, ज़िंदगी का नाम है जेहद ए …
हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है यह पगली फिर भी अब तक ख़ुद को शहज़ादी …
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह, मैनें तुझसे चाँद …
ज़िन्दगी दी है तो जीने का हुनर भी देना पाँव बख्शे है तो तौफ़ीक ए सफ़र भी देना, …