मेरे दिन की तरह रौशन मेरी हर…
मेरे दिन की तरह रौशन मेरी हर रात होती है दुआ माँ की हर एक मौसम में मेरे …
मेरे दिन की तरह रौशन मेरी हर रात होती है दुआ माँ की हर एक मौसम में मेरे …
ऐ लिखने वाले आख़िर तू ही क्यूँ लिखता है ? है ये दर्द सबको फिर तुझे ही क्यूँ …
ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना पाँव बख़्शें हैं तो तौफ़ीक़ ए सफ़र भी देना, …
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई मेरे ख़ुदा नफ़रत ही अब दे रही है दिखाई मेरे ख़ुदा, अम्न …
मौत तो एक दिन आनी ही है ज़िन्दगी जो मिली फ़ानी ही है, शख्स वो है अक्लमंद ओ …
अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है जो माँगते नहीं रब से वो सब से माँगते …
हम वक़्त ए मौत को तो हरगिज़ टाल न पाएँगे हम ख़ाली हाथ आए है और ख़ाली हाथ …
हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है खैर छोड़ो ! अब तो इन्सान लेते है, इश्क़ ने ऐसी …
मेरा दिल बुराई से तू साफ़ कर दे ऐ देने वाले मुझे माफ़ कर दे, मेरी तरफ …
अब तो बस ये जान है मौला बाक़ी झूठी शान है मौला, गम का कोई निशाँ नहीं है …