चाहा है तुझे मैंने तेरी ज़ात से हट कर…
चाहा है तुझे मैंने तेरी ज़ात से हट करइस बार खड़ा हूँ मैं रवायात से हट कर, तुम …
चाहा है तुझे मैंने तेरी ज़ात से हट करइस बार खड़ा हूँ मैं रवायात से हट कर, तुम …
तुझे ना आयेगी मुफ़लिस की मुश्किलात समझमैं छोटे लोगो के घर का बड़ा हूँ, बात समझ, मेरे अलावा …
राह से हिज़्र की दीवार हटाने के लिएहाथ भी जोड़े उसको मनाने के लिए, अपनी खातिर तो कभी …
फिर यूँ हुआ कि रास्ते यकज़ा नहीं रहेवो भी अना परस्त था मैं भी अना परस्त, फिर यूँ …
रात भी, नींद भी, कहानी भीहाय, क्या चीज़ है जवानी भी एक पैग़ाम-ए-ज़िन्दगानी भीआशिक़ी मर्गे-नागहानी भी इस अदा …
खो न जाए कहीं हर ख़्वाब सदाओं की तरहज़िंदगी महव-ए-तजस्सुस है हवाओं की तरह टूट जाए न कहीं …
कब तक यूँ बहारों में, पतझड़ का चलन होगाकलियों की चिता होगी, फूलों का हवन होगा, हर धर्म …
मेरे ख़ुदा मैं अपने ख़यालों को क्या करूँअंधों के इस नगर में उजालों को क्या करूँ ? चलना …
हौसले गम से लड़ गए मेरेअश्क मुश्किल में पड़ गए मेरे, मैंने हिज़रत का बीज क्या बोयापाँव जड़ …
इश्क उनसे हुआ देखते देखतेहुस्न पर मर मिटा देखते देखते, कातिलाना अदा रोग देकर गईबेख़बर फ़िर रहा देखते …