हर्फ़ ए ताज़ा नई ख़ुशबू में लिखा चाहता है

Harf e taza nayi

हर्फ़ ए ताज़ा नई ख़ुशबू में लिखा चाहता है बाब एक और मोहब्बत का खुला चाहता है, एक

हम ने ही लौटने का इरादा नहीं किया

Hum ne hi lautne

हम ने ही लौटने का इरादा नहीं किया उसने भी भूल जाने का वादा नहीं किया, दुख ओढ़ते

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया

Chalne ka hausla nahi

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर

कू ब कू फैल गई बात शनासाई की

Ku ba ku fail gai

कू ब कू फैल गई बात शनासाई की उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की, कैसे कह दूँ

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी

Kuch to hawa bhi

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता

फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह

Falsafe Ishq me pesh

फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह हम परेशाँ ही रहे अपने ख़यालों की तरह, शीशागर बैठे

ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं

Zindagi tujh ko jiya

ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं ज़हर ख़ुद मैं ने पिया है कोई अफ़्सोस नहीं, मैंने

अहल ए उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है

Ahl e ulfat ke

अहल ए उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है लैला मजनूँ की मिसालों पे हँसी आती है, जब

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं

Patthar ke khuda patthar

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं तुम शहर ए मोहब्बत कहते हो

शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया

Shayad main zindagi ki

शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया क़ातिल को आज अपने ही घर ले के आ