ऐसे न बिछड़ आँखों से अश्कों की तरह तू

ऐसे न बिछड़ आँखों से अश्कों की तरह तू
आ लौट के आ फिर तेरी यादों की तरह तू,

सुख चैन मेरा लूटने वाले आ किसी दिन
मुझ को भी चुरा ले मेरी नींदों की तरह तू,

चाहा था बहुत मैं ने भुला दूँ तुझे लेकिन
जाता ही नहीं दिल से उमीदों की तरह तू,

मुँह फेर के जाना है तुझे जा तेरी मर्ज़ी
मत रूठ मगर मुझ से नसीबों की तरह तू..!!

~राजेश रेड्डी

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