मेरे चेहरे में कोई और ही चेहरा देखे

मेरे चेहरे में कोई और ही चेहरा देखे
वक़्त माथे की लकीरों में वो ठहरा देखे,

सब को देती है अलग रंग ये तस्वीर ए हयात
सब्ज़ गुलशन तो कोई धूल का सहरा देखे,

उस के हाथों में जो रहती है वो ताबीर रहे
क्यूँ मगर दे के मेरे ख़्वाब पे पहरा देखे,

उस को एहसास की नायाब गुहर मिलते हैं
डूब कर बहर ए तख़य्युल में जो गहरा देखे,

नाम लिखा है अनोखा सा कहीं एक फ़रोग़
दिल मोहब्बत का हर एक बाब सुनहरा देखे..!!

~फ़रोग़ ज़ैदी

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