चलिए मुश्किल है अगर जीना तो मर जाते हैं

चलिए मुश्किल है अगर जीना तो मर जाते हैं
बोझ हम रूह पे अपनी हैं उतर जाते हैं,

ख़ुद को आईना बना रखा है जब से हम ने
उस तरफ़ देखने क्या अहल ए नज़र जाते हैं,

बा वफ़ा हों तो मेंरे साथ वो चल कर देखें
राह ए ईसार से हम कैसे गुज़र जाते हैं,

लाज़मी दिल के लिए दीदा ए बीना करना
तेरे एहसास मेंरे दिल में उतर जाते हैं,

हम अनागीर हैं ख़ुद अपनी तमन्नाओं के
कौन पूछे उन्हें जाएँ वो जिधर जाते हैं,

यार इरशाद कहाँ चल दिए मंज़िल भी नहीं
पूछ लेते हैं अभी ख़ुद से किधर जाते हैं..!!

~इरशाद अज़ीज़


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