हम भारत के रखवाले हैं
सब इस के बच्चे बाले हैं,
कैसे ये बिहारी कश्मीरी
और क्या हैं ये उत्तरप्रदेशी,
कैसे पंजाबी आसामी
कैसे मदरासी बंगाली,
सब के सब भारत वाले हैं
सब इस के बच्चे बाले हैं,
सब भारत के रखवाले हैं
हो निर्धन या धनवान कोई,
हो धर्म कोई ईमान कोई
या बतलाए रहमान कोई,
या कहता हो भगवान कोई
सब इस मिट्टी के पाले हैं,
सब के सब भारत वाले हैं
सब भारत के रखवाले हैं,
शैदा मस्जिद के मंज़र का
या हो वो पुजारी मंदिर का,
हर रहने वाला इस घर का
सैनिक है एक ही लश्कर का,
सब के सब इस के हवाले हैं
सब के सब भारत वाले हैं,
सब भारत के रखवाले हैं
क्या शैख़ मुग़ल सय्यद का चलन,
कैसे ठाकुर पंडित हरीजन
क्या छूत अछूत का पागलपन,
सब एक हैं सब का एक वतन
जो गोरे हैं या काले हैं,
सब के सब भारत वाले हैं
सब भारत के रखवाले हैं,
कैसा हल्का कैसा बोझल
कविता हो कोई या हो ग़ज़ल,
क्या बल वाला और क्या निर्बल
भारत माँ का सब पर आँचल,
सब इस में पलने वाले हैं
सब के सब भारत वाले हैं,
~नाज़िश प्रतापगढ़ी
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