तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी
ये तेरी तरह मुझ से तो शरमा न सकेगी,
मैं बात करूँगा तो ये ख़ामोश रहेगी
गर सीने से लगाऊँगा तो ये कुछ न कहेगी,
आराम वो क्या देगी जो तड़पा न सकेगी
तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी,
आँखों में ठहरी हुई चंचल वो निगाहें
ये हाथ में सहमे हुए और मस्त वो बाहें,
परछाई तो इन्सान के काम आ न सकेगी
तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी,
उलझी हुई रातों को ये सुलझा न सकेगी
तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी..!!