मौत तो एक दिन आनी ही है
ज़िन्दगी जो मिली फ़ानी ही है,
शख्स वो है अक्लमंद ओ दाना
जिस ने कुछ फ़िक्र की ठानी है,
बाद पछताने से हो भला क्या
जान कर के भी मन मानी ही है,
हाय ! अफ़सोस करने की नौबत
अदल के दिन पशेमानी ही है,
आँसू जब नदामत के निकले
मगफिरत, दरगुज़र होनी ही है,
तौबा का दर हमेशा खुला पर
शर्त बस हिस रहे इतनी ही है,
जब नसीहत बड़ो की सुने तब
गाड़ी पटरी पे भी लानी ही है,
ख़ूब अच्छे अमल कर यहाँ तू
खैर से झोली भी भरनी ही है..!!