जवानी ज़िंदगानी है न तुम समझे न हम समझे
ये एक ऐसी कहानी है न तुम समझे न हम समझे,
हमारे और तुम्हारे वास्ते में एक नयापन था
मगर दुनिया पुरानी है न तुम समझे न हम समझे,
अयाँ कर दी हर एक पर हम ने अपनी दास्तान ए दिल
ये किस किस से छुपानी है न तुम समझे न हम समझे,
जहाँ दो दिल मिले दुनिया ने काँटे बो दिए अक्सर
यही अपनी कहानी है न तुम समझे न हम समझे,
मोहब्बत हम ने तुम ने एक वक़्ती चीज़ समझी थी
मोहब्बत जावेदानी है न तुम समझे न हम समझे,
गुज़ारी है जवानी रूठने में और मनाने में
घड़ी भर की जवानी है न तुम समझे न हम समझे,
मता ए हुस्न ओ उल्फ़त पर यक़ीं कितना था दोनों को
यहाँ हर चीज़ फ़ानी है न तुम समझे न हम समझे,
अदा ए कम निगाही ने किया रुस्वा मोहब्बत को
ये किस की मेहरबानी है न तुम समझे न हम समझे..!!
~सबा अकबराबादी
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