जब किसी एक को रिहा किया जाए
सब असीरों से मशवरा किया जाए,
रह लिया जाए अपने होने पर
अपने मरने पे हौसला किया जाए,
इश्क़ करने में क्या बुराई है ?
हाँ किया जाए बारहा किया जाए,
मेरा एक यार सिंध के उस पार
ना ख़ुदाओं से राब्ता किया जाए,
मेरी नक़लें उतारने लगा है
आइने का बताओ क्या किया जाए ?
ख़ामुशी से लदा हुआ एक पेड़
इस से चल कर मुकालिमा किया जाए..!!
~तहज़ीब हाफ़ी
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