इस मुहब्बत के करम से पहले
ख़ुद को जीता था मैं तुमसे पहले,
हसरत ओ यास ओ अलम से पहले
दिल ये मगरूर था गम से पहले,
चोट लाज़िम है शिफ़ा याब़ी को
कौन समझा है सितम से पहले,
तुमको जाना तो हमने जाना
तुम भी पत्थर हो सनम से पहले,
जाने वालों को भला रोके क्या ?
दिल ये उठते है क़दम से पहले,
हम भी मशहूर हुए बाद तेरे
तुम भी गुमनाम थे हम से पहले,
मेरी बातों में है तासीर के मैं
दिल पे लिखता हूँ क़लम से पहले..!!
Discover more from Hindi Gazals :: हिंदी ग़ज़लें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.