बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना

bechain bahut rahna ghabraye hue

बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना एक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना, छलकाए हुए चलना ख़ुशबू

पर्बत तेरे पहलू में अगर खाई नहीं है

parbat tere pahlu men agar

पर्बत तेरे पहलू में अगर खाई नहीं है काहे की बुलंदी जहाँ गहराई नहीं है, अब कोई वहाँ

सीधे साधे लोग थे पहले घर भी सादा होता था

sidhe saadhe log the pahle

सीधे साधे लोग थे पहले घर भी सादा होता था कमरे कम होते थे और दालान कुशादा होता

मशवरे पर न कहीं धूप के चलने लग जाएँ

mashware par na kahi dhoop ke

मशवरे पर न कहीं धूप के चलने लग जाएँ आदमी मोम बनें और पिघलने लग जाएँ, जैसे माहौल

हर दिन है मुहब्बत का, हर रात मुहब्बत की

har-din-hai-muhabbat

हर दिन है मुहब्बत का, हर रात मुहब्बत की हम अहल ए मुहब्बत में, हर बात मुहब्बत की,

मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे

mujhe ilm hai tum raste se

मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे फिर तुम्हारे साथ सफ़र की इब्तिदा क्या करना ? वैसे

दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं

diljalon se dillagi achchi nahin

दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं, मुँह बनाता है बुरा क्यूँ वक़्त ए

मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है

meri tanhaai badhaate hai chale jaate hai

मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं, इसलिए अब मैं

पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है

paani aankh me bhar kar laya jaa sakta hai

पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है, एक

जब से तेरा ख्याल रखा है

jab se taera khyal rakha hai

जब से तेरा ख्याल रखा है दिल ने मुश्किल में डाल रखा है, आप पर दिल ये आ