तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे

tera lahja teri pahchan mubaraq ho tujhe

तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे तेरी वहशत तेरा हैजान मुबारक हो तुझे, मैं मोहब्बत का पुजारी

मुझे आरज़ू जिसकी है उसको ही ख़बर नहीं

mujhe aarzoo jiski hai

मुझे आरज़ू जिसकी है उसको ही ख़बर नहीं नज़रअंदाज़ कर दूँ ऐसी मेरी कोई नज़र नहीं, मना पाबंदियाँ

इस शहर में कहीं पे हमारा मकाँ भी हो

is shahar men kahi hamara bhi

इस शहर में कहीं पे हमारा मकाँ भी हो बाज़ार है तो हम पे कभी मेहरबाँ भी हो,

वतन से उल्फ़त है जुर्म अपना…

watan se ulfat hai zurm

वतन से उल्फ़त है जुर्म अपना ये जुर्म ता ज़िन्दगी करेंगे है किस की गर्दन पे खून ए

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे

ghar se agar nikale

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे वो गुलाबी कटोरे छलक जाएँगे, हमने अल्फ़ाज़ को आइना कर दिया

मुख़्तसर बात, बात काफी है…

mukhtasar baat baat kaafi hai

मुख़्तसर बात, बात काफी है एक तेरा साथ, साथ काफी है, वो जो गुज़र जाए तेरे पहलू में

सूरज से यूँ आँख मिलाना…

suraj se yun aankh milana

सूरज से यूँ आँख मिलाना मुश्किल क्या नामुमकिन है, दुनियाँ से इस्लाम मिटाना मुश्किल क्या नामुमकिन है, मुशरिको

इश्क़ ने बख्शी है हमें ये सौगात मुसलसल

ishq ne bakhshi hai hame ye saugat

इश्क़ ने बख्शी है हमें ये सौगात मुसलसल तेरा ही ज़िक्र हमेशा तेरी ही बात मुसलसल,   एक

तअल्लुक़ तर्क करने से मोहब्बत कम…

taalluq tark karne se mohabbat

तअल्लुक़ तर्क करने से मोहब्बत कम नहीं होती भड़कती है ये आतिश दिन ब दिन मद्धम नहीं होती,

पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो

pahle janab koi shigufa uchhal do

पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो फिर कर का बोझ गर्दन पर डाल दो, रिश्वत को हक़ समझ