समंदर और साहिल प्यास की ज़िन्दा अलामत है

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

तुम्हारा मुन्तज़िर हूँ तो हज़ारों घर बनाता हूँवो रस्ते बनते जाते है कुछ इतने दर बनाता हूँ, जो

ऐसा शज़र ए बख्त सूख ही जाए तो बेहतर है,

Mohabbat ki jhuthi adaaon

सेहरा में साया तलक ना दे सके मुसाफ़िर को ऐसा शज़र ए बख्त सूख ही जाए तो बेहतर

तेरे शहर वाले मेरा मौज़ू ए सुखन जानते है

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तू गज़ल ओढ़ के निकले कि धनक ओट छुपेलोग जिस रूप में देखे तुझे पहचानते है, यार तो

कोई रब से नहीं माँगता

Bazme_life

है आशना भी अज़नबीनफरतो की आड़ में, सब की ज़िन्दगी है रवां दवांख़ुदगर्ज़ियो के मदार में, कोई मंज़िलो

मैं अक्सर भूल जाता हूँ

Bazme_thinking

मैं अक्सर भूल जाता हूँ…. कहाँ ख़ामोश रहना थाकहाँ शिकवा न करना थाकहाँ ज़ुमला न कसना थाकहाँ हरगिज़

अजीब लोग थे वो तितलियाँ बनाते थे

azib log the wo

अजीब लोग थे वो तितलियाँ बनाते थेसमुंदरों के लिए सीपियाँ बनाते थे, वही बनाते थे लोहे को तोड़

वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?

Bazme_muflisi1

वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?गुज़र रही है जो मुश्किल से ज़िन्दगी क्या है

तू मेरी रूह का हिस्सा है, तू ही जान मेरी

Bazme_love4

जब भी सोचा कभी अपना तो हमारा सोचा क्या मिला और हुआ कितना ख़सारा सोचा ?बाद मुद्दत के

तुझे भूलने की दुआ करूँ

Bazme_Shikayat

तुझे इस क़दर है शिकायतेंकभी सुन ले मेरी हिकायते, तुझे गर न कोई मलाल होमैं भी एक तुझसे

ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते है

Bazme_birds

ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते हैंहमारे शहर में कसरत से पाए जाते है, मैं देख आया हूँ