तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है…
तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है मिसाल-ए-रंग वो झोंका नज़र भी आता है, तमाम
Hindi Shayari
तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है मिसाल-ए-रंग वो झोंका नज़र भी आता है, तमाम
एक पगली मेरा नाम जो ले शरमाये भी घबराये भी गलियों गलियों मुझसे मिलने आये भी घबराये भी,
वही किस्से है वही बात पुरानी अपनी कौन सुनता है भला राम कहानी अपनी, सितमगर को ये हमदर्द
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो आँख सच बोलती हैं प्यार छुपाया न करो, लोग
उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती बिछड़ जाना मुहब्बत की सदाकत की अलामत है मुहब्बत एक
नहीं डरता मैं काँटो से मगर फूलो से डरता हूँ चुभन दे जाएँ जो दिल को मैं उन
कभी याद आऊँ तो पूछना ज़रा अपनी फ़ुर्सत ए शाम से किसे इश्क़ था तेरी ज़ात से किसे
सुना है इस मुहब्बत में बहुत नुक़सान होता है, महकता झूमता जीवन गमो के नाम होता है, सुना
वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है किसी और को वो दिया नहीं, वो जो रिश्ता तुझसे है
तेरी आँखों के दरीचे से गुज़ारे जाते तो मेरे ख़्वाब यूँ बे मौत न मारे जाते, एक रिवायत