जो मिला उससे गुज़ारा न हुआ
जो मिला उससे गुज़ारा न हुआ जो हमारा था, वो हमारा न हुआ, हम किसी और से
Hindi Shayari
जो मिला उससे गुज़ारा न हुआ जो हमारा था, वो हमारा न हुआ, हम किसी और से
पास आओ कि एक इल्तज़ा सुन लो हाँ प्यार है तुमसे बेपनाह सुन लो, एक तुम्ही को तो
मालूम है इस दुनियाँ में मशहूर नहीं है ये गाँव तेरे दिल से तो अब दूर नहीं है,
माना कि अब तुम्हारा दिल भर गया होगा हमसे ना सही, प्यार कही और हो गया होगा, ये
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले,
शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते है इतने समझौतों पे जीते है कि मर जाते है,
ख़्वाब के जज़ीरो पर एक दीया जलाना था और फिर हवाओं को रास्ता बताना था, दर्द की फ़सिलो
उदास शामो का तुम कुछ हिसाब रख लेना, दिल ए हज़ीं में मुहब्बत का बाब रख लेना, न
बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाज़े पर महसूस हुआ तुम आये हो, अंदाज़ तुम्हारे जैसा
अभी तो चाँद निकला है, अभी तो रात बाक़ी है दिल को दिल से कहनी है, अभी वो