बेलौस मुफ़्लिसी भी है क़ुबूल मुझे

belaus muflis bhi hai

बेलौस मुफ़्लिसी भी है क़ुबूल मुझेमगर अमीर ए शहर बदकार नहीं, दुश्मन ए बदतर से भी निभा लूँगामगर

तड़पता हूँ मैं लैल ओ नहार

tadapta hoon main lail

तड़पता हूँ मैं लैल ओ नहारलम्हा भर वो भी तड़पती होगी दुआओं में वो भी ख़ुदा सेकोई फ़रियाद

रूबरू हो कर भी इस ज़माने में

rubaru ho kar bhi

रूबरू हो कर भी इस ज़माने मेंकिसी पे ऐतबार कहाँ करते है लोग ? मतलबपरस्तो की इस दुनियाँ

तुम्हारी तरह सीने में खंज़र छुपाना नहीं आता

HindiGazals_Featured_Image

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँमुझे तुम्हारी तरह बहाने बनाना नहीं आता, गर हूँ ख़तावार तो

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँ

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँमुझे तुम्हारी तरह बहाने बनाना नहीं आता, गर हूँ ख़तावार तो

पहले मगफिरत की दुआ कीजिए

HindiGazals_Featured_Image

चाहते है इज्ज़त ओ मुक़ाम ए बलंदी तोसर को खालिक़ के आगे झुका लीजिए, गर है ख्वाहिश पाने

कइयो ने कोशिश कर ली

kaiyo ne koshish kar

कइयो ने कोशिश कर लीकई और मिटाने में लगे है, सदियों से ज़ालिम ज़माने वालेनारियो को गिराने में

हसरत ए दीद ओ वस्ल लिए ख्याल मेरा

hasrat e deed o

हसरत ए दीद ओ वस्ल लिए ख्याल मेरातेरे हुस्न ए ख्वाबीदा से जब टकराता है, ख्वाहिश ए जानाँ

आते ही चुनाव तुमको हमारा ख्याल आता है

HindiGazals_Featured_Image

वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तानतुझे दाँव पेच का खेल क्या कमाल आता है, यूँ तो रहा करते

ख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है

HindiGazals_Featured_Image

मुफ़्लिस हो कि रईसए शहरकोईख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है, इबादत हो के प्रार्थना