रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ

ranjish hi sai dil

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए

हर बज़्म में मौज़ू ए सुख़न दिल ज़दगाँ का

har bazm me mauzoo

हर बज़्म में मौज़ू ए सुख़न दिल ज़दगाँ का अब कौन है शीरीं है कि लैला है कि

जिस सम्त भी देखूँ नज़र आता है कि तुम हो

jis simt bhi dekhoon

जिस सम्त भी देखूँ नज़र आता है कि तुम हो ऐ जान ए जहाँ ये कोई तुम सा

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

suna hai log use

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के

तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त

tujh se mil kar

तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त तू मेंरी पहली मोहब्बत थी मेंरी

ज़िंदगी से यही गिला है मुझे

zindagi se yahi gila

ज़िंदगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे, तू मोहब्बत से कोई चाल

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

yusuf-na-the-magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए ख़ुश फहमियाँ ये थी कि ख़रीदार आ गए, आवाज़

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए

तुझ से बिछड़ के

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए फिर जो भी दर मिला है उसी दर

तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही

तुझे है मश्क़ ए

तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े…

tum apne akido ke neze

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े हर दिल में उतारे जाते हो, हम लोग मोहब्बत वाले हैं तुम ख़ंजर