नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम

nazar aa rahe hai jo tanha se ham

नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम सो यूँ है कि भर पाए दुनिया से हम, न

ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा

zamin par aasmaan kab tak rahega

ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा ये हैरत का मकाँ कब तक रहेगा ? नज़र कब आश्ना ए

एक चेहरे पर रोज़ गुज़ारा होता है

ek chehre par roz guzara hota hai

एक चेहरे पर रोज़ गुज़ारा होता है प्यार किसी को कब दोबारा होता है मैं तुम पर हर

तुम्हारे आँसू कभी बहने न देंगे

tumhare aansoo kabhi bahne na denge

तुम्हारे आँसू कभी बहने न देंगे तुम्हे इस तरह उदास रहने न देंगे, तेरी नज़रों में हम बेवफ़ा

क्या करे मेरी मसीहाई भी करने वाला ?

kya kare meri masihaai bhi karne wala

क्या करे मेरी मसीहाई भी करने वाला ? ज़ख़्म ही ये मुझे लगता नहीं भरने वाला, ज़िंदगी से

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में

main shaakh se uda tha sitaron ki

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में,

तुझे कैसे इल्म न हो सका बड़ी दूर तक ये ख़बर गई

tujhe kaise ilm na ho saka

तुझे कैसे इल्म न हो सका बड़ी दूर तक ये ख़बर गई तेरे शहर ही की ये शाएरा

गुलामी में काम आती शमशीरें न तदबीरें

gulami me kaam aati shamshiren

गुलामी में काम आती शमशीरें न तदबीरें जो हो ज़ौक ए यकीं पैदा तो कट जाती हैं जंज़ीरें,

लोग क्या ख़ूब वफ़ाओ का सिला देते है

log kya khoob wafaaon ka sila dete hain

लोग क्या ख़ूब वफ़ाओ का सिला देते है ज़िन्दगी के हर मोड़ पे ज़ख्म नया देते है, कैसे

दिल के हर दर्द ने अशआर में ढलना चाहा

dil ke har dard ne ashaar me dhalna chaha

दिल के हर दर्द ने अशआर में ढलना चाहा अपना पैराहन ए बे रंग बदलना चाहा, कोई अनजानी