किया इश्क था जो बाइसे रुसवाई बन गया

kiya ishq tha jo baaise ruswai ban gaya

किया इश्क था जो बाइसे रुसवाई बन गया यारो तमाम शहर तमाशाई बन गया, बिन माँगे मिल गए

तजुर्बे के दम पर दीवानों ने कहा था इश्क़ बुरा है

tazrube-ke-dam-par

तजुर्बे के दम पर दीवानों ने कहा था इश्क़ बुरा है मगर जुनूँ ए इश्क़ में ये बात

ये बेड़ियाँ मेरे पाँव में तुम पहना तो रहे हो

ye bediyan mere paanv me tum pahna to rahe ho

ये बेड़ियाँ मेरे पाँव में तुम पहना तो रहे हो फिर अहद भी ख़ुद ही तोड़ के जा

हालात ए ज़िन्दगी से हुए मज़बूर…

haalaat e zindagi se hue mazboor kya kare

हालात ए ज़िन्दगी से हुए मज़बूर क्या करे ? ज़ख्म ए ज़िगर भी हो गए नासूर क्या करे

आँखें यूँ बरसीं पैराहन भीग गया…

aankhe yun barasi pairahan bhig gaya

आँखें यूँ बरसीं पैरहन भीग गया तेरे ध्यान में सारा सावन भीग गया, ख़ुश्क महाज़ो बढ़ के मुझे

ये तसव्वुर का वार झूठा है…

ye tasavvur ka vaar jhutha hai

ये तसव्वुर का वार झूठा है ख़्वाब झूटे हैं सार झूठा है, फूल तुम तोड़ लाए शाख़ों से

ये न समझो ये ख्याल है मेरा…

ye naa samjho ye khyal hai mera

ये न समझो ये ख्याल है मेरा जो सुनाता हूँ वो हाल है मेरा, ऐसा गम हूँ मैं

सारे मौसम बदल गए शायद…

saare mausam badal gaye shayad

सारे मौसम बदल गए शायद और हम भी सँभल गए शायद, झील को कर के माहताब सुपुर्द अक्स

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहते

manzil pe na pahunche use rasta nahi kahte

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहते दो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते, एक हम

सामने तू है लम्हा लम्हा मेरे…

saamne tu hai mere lamha lamha

सामने तू है लम्हा लम्हा मेरे और ज़मीं आसमां की दूरी है, कोई मंतक, कोई दलील नहीं तू