तू मुझ को सुन रहा है तो सुनाई क्यूँ नहीं देता

tu mujh ko sun raha hai

तू मुझ को सुन रहा है तो सुनाई क्यूँ नहीं देता ये कुछ इल्ज़ाम हैं मेरे सफ़ाई क्यूँ

दिल ए बरहम की ख़ातिर मुद्दआ कुछ भी नहीं होता

dil e barham kee khatir

दिल ए बरहम की ख़ातिर मुद्दआ कुछ भी नहीं होता अजब हालत है अब शिकवा गिला कुछ भी

किसी भी शय पे आ जाने में कितनी देर लगती है

kisi bhi shay pe aa jaane me

किसी भी शय पे आ जाने में कितनी देर लगती है मगर फिर दिल को समझाने में कितनी

ज़ख़्मों ने मुझ में दरवाज़े खोले हैं

zakhmon ne mujh me darwaze

ज़ख़्मों ने मुझ में दरवाज़े खोले हैं मैंने वक़्त से पहले टाँके खोले हैं, बाहर आने की भी

वैसे मैंने दुनिया में क्या देखा है

waise maine duniya me kya

वैसे मैंने दुनिया में क्या देखा है तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है, मैं उस को

मैंने ये कब कहा है कि वो मुझ को तन्हा नहीं छोड़ता

maine ye kab kaha ki wo

मैंने ये कब कहा है कि वो मुझ को तन्हा नहीं छोड़ता छोड़ता है मगर एक दिन से

न नींद और न ख़्वाबों से आँख भरनी है

naa neend aur naa khwabon se

न नींद और न ख़्वाबों से आँख भरनी है कि उस से हम ने तुझे देखने की करनी

तूने क्या क़िंदील जला दी शहज़ादी

tune kya kindil jala dee

तूने क्या क़िंदील जला दी शहज़ादी सुर्ख़ हुई जाती है वादी शहज़ादी, शीश-महल को साफ़ किया तेरे कहने

ज़िंदगी की यही कहानी है

zindagi ki yahi kahani

ज़िंदगी की यही कहानी है साँस आनी है और जानी है, तुम जो होते तो बात कुछ होती

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है

ye mohabbat jo mohabbat

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है आग सीने में उसी ने तो लगाई हुई है, एक