हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है

hum ek khuda ke bande aur ek jahan me baste hai

हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है, रब भी जब चाहे हम साथ

ये नफ़रतो की सदाएँ, वतन का क्या होगा ?

is bahte hue lahoo me

ये नफ़रतो की सदाएँ, वतन का क्या होगा ? हवा में आग बही, तो चमन का क्या होगा

एक टूटी हुई ज़ंजीर की फ़रियाद हैं हम…

ek tuti hui zanjir ki fariyad hai ham

एक टूटी हुई ज़ंजीर की फ़रियाद हैं हम और दुनिया ये समझती है कि आज़ाद हैं हम, क्यूँ

गर हक़ चाहते हो तो फिर जंग लड़ो…

gar haq chahte ho to jang lado guhar lagane se kahan nizam badlega

गर हक़ चाहते हो तो फिर जंग लड़ो गुहार लगाने से कहाँ ये निज़ाम बदलेगा, छाँव ढूँढ़ते हो,

कैसे मंज़र सामने आने लगे हैं…

kaise manzar samne aane lage hai

कैसे मंज़र सामने आने लगे हैं गाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैं, अब तो इस तालाब का पानी

एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा…

ek din mulq ke har ghar me ujala hoga

एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा हर शख्स यहाँ सबका भला चाहने वाला होगा, इंसानों

वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है…

wahi taaz hai wahi takht hai wahi zahar hai

वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है ये वही ख़ुदा की ज़मीन है

नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर…

nafrat ko chhod de tu muhabbat ki baat kar

नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर इत्तिहाद ओ अमन ओ शराफ़त की बात कर, मत

नग्मो से भरे दरिया थे रवां गीतों से भरी हरियाली थी…

geeto se bhari hariyali thi

इस देस का रंग अनोखा था इस देस की बात निराली थी नग्मो से भरे दरिया थे रवां

सोहनी धरती के रखवाले ये प्यारे खाक़ी वर्दी वाले…

pyare khaqi vardi wale

सोहनी धरती के रखवाले ये प्यारे खाक़ी वर्दी वाले, हर बाप का फ़ख्र ओ गुरुर है ये हर