पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो

pahle janab koi shigufa uchhal do

पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो फिर कर का बोझ गर्दन पर डाल दो, रिश्वत को हक़ समझ

सीनों में अगर होती कुछ प्यार की गुंजाइश

sino me agar hoti pyar ki

सीनों में अगर होती कुछ प्यार की गुंजाइश हाथों में निकलती क्यूँ तलवार की गुंजाइश, पिछड़े हुए गाँव

बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना

baadshahon ko sikhaya hai kalandar hona

बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना आप आसान समझते हैं मुनव्वर होना, एक आँसू भी हुकूमत के लिए

यहाँ शोर बच्चे मचाते नहीं हैं…

yahan shor bachche machaate nahi

यहाँ शोर बच्चे मचाते नहीं हैं परिंदे भी अब गीत गाते नहीं हैं, वफ़ा के फ़लक पर मोहब्बत

भूख़ चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे

bhookh chehre pe liye chaand se

भूख़ चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे, इन हवाओं से

झगड़ना काहे का ? मेरे भाई पड़ी रहेगी

jhagadna kaahe ka mere bhai

झगड़ना काहे का ? मेरे भाई पड़ी रहेगी ये बाप दादा की सब कमाई पड़ी रहेगी, अंधेरे कमरों

ग़म ए जहाँ को शर्मसार करने वाले क्या हुए

gam e jahan ko sharmsaar

ग़म ए जहाँ को शर्मसार करने वाले क्या हुए वो सारी उम्र इंतिज़ार करने वाले क्या हुए ?

सरहदों पर है अपने जवानों का गम

sarhadon par hai apne

सरहदों पर है अपने जवानों का गम और बस्ती में जलते मकानों का गम, फिर से ये गंदी

आदम की जात होकर इल्म बिसरा रहे हो

aadam ki jaat ho kar ilm bisra rahe

आदम की जात होकर इल्म बिसरा रहे हो क्यूँ मज़लूम ओ गरीब को बेवजह सता रहे हो ?

आरज़ी ताक़तें तुम्हारी है पर ख़ुदा हमारा है

aarzi taaqte tumhari hai

आरज़ी ताक़तें तुम्हारी है पर ख़ुदा हमारा है अपने अक्स पर न इतराओ आईना हमारा है, तेरी रज़ा