और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने
और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने मेरी आँखें हो गई पुरनम तुम्हारे सामने, हम जुदाई में
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और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने मेरी आँखें हो गई पुरनम तुम्हारे सामने, हम जुदाई में
तलाश ए जन्नत ओ दोज़ख में रायेगाँ इंसाँ तलाश ए जन्नत ओ दोज़ख में रायेगाँ इंसाँ ज़मीं पे
जब भी हँसी की गर्द में चेहरा छुपा लिया बे लौस दोस्ती का बड़ा ही मज़ा लिया, एक
कौन है नेक ? कौन बद है यहाँ ? किसी के हाथों में ये सनद है कहाँ ?
बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत मिटाए दिल से सदियों की अदावत चलो हम एक हो जाएँ, वो क्या
हमेशा साथ रहने की आदत कुछ नहीं होती जो लम्हा मिल गए जी लो, रियाज़त कुछ नहीं होतीं,
तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ? तेरे आँचल के उड़ने को सबा कह
एक पल में एक सदी का मज़ा हम से पूछिए एक पल में एक सदी का मज़ा हम
चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए
ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का सम्भल भी जा कि