अभी तो ज़िंदा हैं कहते हो यारा क्या होगा
अभी तो ज़िंदा हैं कहते हो यारा क्या होगा हमारे बाद न जाने तुम्हारा क्या होगा हमारा ख़ुद
Poetries
अभी तो ज़िंदा हैं कहते हो यारा क्या होगा हमारे बाद न जाने तुम्हारा क्या होगा हमारा ख़ुद
होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी, ऐ दिल
वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं ज़बाँ पर
कुछ यादगार ए शहर ए सितमगर ही ले चलें आए हैं उस की गली में तो पत्थर ही
झूठ का बोलना आसान नहीं होता है दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बाद यही
उस ने यूँ रास्ता दिया मुझको रास्ते से हटा दिया मुझको दूर करने के वास्ते ख़ुद से ख़ुद
उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा एक बेनाम से रिश्ते को निभाए रखा, था मुझे वहम
मैं सोज़िश ए ग़म ए दौराँ से यूँ जला ख़ामोश कि जैसे बज़्म में जलता हो एक दिया
फ़ासला जब मुझे एहसास ए थकन बख़्शेगा पाँव को फूल भी काँटों की चुभन बख़्शेगा, कितने सूरज इसी
अपनी सोचें शिकस्त ओ ख़ाम न कर चल पड़ा है तो फिर क़याम न कर, मैं भी हस्सास