इस दिल में आह, आँखों में नाले है
इस दिल में आह, आँखों में नाले है हमें न सताओ हम तुम्हारे चाहने वाले है, मुहब्बत भरे
Occassional Poetry
इस दिल में आह, आँखों में नाले है हमें न सताओ हम तुम्हारे चाहने वाले है, मुहब्बत भरे
चलो अब यूँ भी आज़माए कभी तुम कह दो तो भूल जाए कभी, ज़िस्म मुर्दा हुआ तो ये
इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी अल्लाह निगहबान यहाँ भी है वहाँ भी, ख़ूँख़्वार दरिंदों के
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो मैं अपने साए से कल रात डर गया यारो, हर एक
अगर तू साथ चल पड़ता सफ़र आसान हो जाता ख़ुशी से उम्र भर जीने का एक सामान हो
तू अपनी खूबियाँ ढूँढ कमियां निकालने के लिए लोग हैं, अगर रखना ही है कदम तो आगे रख
ज़नाब शेख़ की हर्ज़ा सराई ज़ारी है इधर से ज़ुल्म उधर से दुहाई ज़ारी है, बिछड़ गया हूँ
हिज्र की शब घड़ी घड़ी दिल से यही सवाल है जिसके ख़याल में हूँ गुम उसको भी कुछ
ये दिल आवेज़ी ए हयात न हो अगर आहंग ए हादसात न हो, तेरी नाराज़गी क़ुबूल मगर ये
जताए हक़ न कैसे हम भला इक़रार पे उनके हमें फिर भी नाज़ होता है हसीं इंकार पे