अजल होती रहेगी इश्क़ कर के मुल्तवी कब तक

azal hoti rahegi ishq

अजल होती रहेगी इश्क़ कर के मुल्तवी कब तक मुक़द्दर में है या रब आरज़ू ए ख़ुदकुशी कब

जो हमारे सफ़र का क़िस्सा है

jo hamare safar ka

जो हमारे सफ़र का क़िस्सा है वो तेरी रहगुज़र का क़िस्सा है, सुब्ह तक ख़त्म हो ही जाएगा

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं

us ko bhi ham

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो

सादगी तो हमारी ज़रा देखिए एतिबार आप के वादे पर कर लिया

saadgi to hamari zara

सादगी तो हमारी ज़रा देखिए एतिबार आप के वादे पर कर लिया बात तो सिर्फ़ एक रात की

बिछड़ के उन के हम इस एहतिमाल से भी गए

bichhad ke un ke

बिछड़ के उन के हम इस एहतिमाल से भी गए बयान ए ग़म से गए अर्ज़ ए हाल

जज़्बात का ख़ामोश असर देख रहा हूँ

jazbaat ka khamosh asar

जज़्बात का ख़ामोश असर देख रहा हूँ बेचैन है दिल आँख को तर देख रहा हूँ, ख़ाकिस्तर ए

ख़ुशबू गुलों में तारों में ताबिंदगी नहीं

khushboo gulon me taaron

ख़ुशबू गुलों में तारों में ताबिंदगी नहीं तुम बिन किसी भी शय में कोई दिलकशी नहीं, जब तुम

जहाँ ग़म है न अब कोई ख़ुशी है

jahan gam hai na

जहाँ ग़म है न अब कोई ख़ुशी है मोहब्बत उस जगह पर आ गई है, जिसे देखो उसे

नज़रों का मोहब्बत भरा पैग़ाम बहुत है

nazaron ka mohabbat bhara

नज़रों का मोहब्बत भरा पैग़ाम बहुत है मजबूर ए वफ़ा के लिए इनआम बहुत है, कुछ बादा ओ

जब हम हुदूद ए दैर ओ हरम से गुज़र गए

jab ham hudu e

जब हम हुदूद ए दैर ओ हरम से गुज़र गए हर सम्त उन का जल्वा अयाँ था जिधर