मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी

muhtaz-hamsafar-ki-masafat

मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी सब साथ थे किसी से रिफ़ाक़त न थी मेरी, हक़ किस

मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुम…

teri khushiyo ka sabab yaar koi aur hai na

मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुमऔर ज़हन ओ ख़्यालों में हो सिर्फ तुम, कुछ नहीं है

ये सच है कि हम लोग बहुत आसानी में रहें…

ye sach hai ki ham log bahut asaani me rahe

ये सच है कि हम लोग बहुत आसानी में रहें पर नाम वही कर गए जो बख्त गिरानी

कभी दादी कभी नानी से अलग कर दिए गए…

kabhi dadi kabhi naani se alag kar diye gaye

कभी दादी कभी नानी से अलग कर दिए गए बच्चे परियों की कहानी से अलग कर दिए गए,

दोस्तों ! आज दिल में छुपे कुछ राज़ बयाँ करता हूँ…

dil me chupe kuch raaj bayan karta hoo

दोस्तों ! आज मैं दिल में छुपे कुछ राज़ बयाँ करता हूँ दुःख से जुड़े ग़ुरबत के दिनों

एक मंज़र यूं नजर आया कि मैं भी डर गया…

ek manzar yun nazar aaya ki main bhi dar gaya

  एक मंज़र यूं नजर आया कि मैं भी डर गया हाथ में रोटी थी जिसके वो भिखारी

वो मुहब्बत गई वो फ़साने गए…

wo muhabbat gayi wo fasane gaye

वो मुहब्बत गई वो फ़साने गए जो खज़ाने थे अपने खज़ाने गए, चाहतो का वो दिलकश ज़माना गया

दिल जब घबराये तो ख़ुद को एक क़िस्सा सुना देना…

dil jab ghabraye to khud ko ek qissa suna dena

दिल जब घबराये तो ख़ुद को एक क़िस्सा सुना देना ज़िन्दगी कितनी भी मुश्किल क्यूँ ना हो मुस्कुरा

आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो…

aapse kisne kaha swrnim shikhar ban kar dikho

आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो शौक दिखने का है तो फिर नींव के अंदर दिखो, चल

जब तलक लगती नहीं है बोलियाँ मेरे पिता…

jab talak lagti nahi hai boliyan mere pita

जब तलक लगती नहीं है बोलियाँ मेरे पिता तब तलक उठती नहीं है डोलिया मेरे पिता, आज भी