न नींद और न ख़्वाबों से आँख भरनी है

naa neend aur naa khwabon se

न नींद और न ख़्वाबों से आँख भरनी है कि उस से हम ने तुझे देखने की करनी

ज़िंदगी की यही कहानी है

zindagi ki yahi kahani

ज़िंदगी की यही कहानी है साँस आनी है और जानी है, तुम जो होते तो बात कुछ होती

हमें बर्बादियों पे मुस्कुराना ख़ूब आता है

hume barbadiyon pe muskurana

हमें बर्बादियों पे मुस्कुराना ख़ूब आता है अँधेरी रात में दीपक जलाना ख़ूब आता है, ग़लत फ़हमी तुम्हें

मुझे तलाश थी जिस की वही कभी न मिली

mujhe talash thi jis

मुझे तलाश थी जिस की वही कभी न मिली हर एक चीज़ मिली एक ज़िंदगी न मिली, तेरी

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है

ufooq agarche pighalta dikhaai

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है मुझे तो दूर सवेरा दिखाई पड़ता है, हमारे शहर में बे चेहरा

समंद ए शौक़ पे ख़त उस का ताज़ियाना हुआ

samand e shauq pe

समंद ए शौक़ पे ख़त उस का ताज़ियाना हुआ मिले हुए भी तो उस से हमें ज़माना हुआ,

कटा न कोह ए अलम हम से कोहकन की तरह

kata na koh e

कटा न कोह ए अलम हम से कोहकन की तरह बदल सका न ज़माना तेरे चलन की तरह,

हमारे हाल से कोई जो बा ख़बर रहता

humare haal se koi

हमारे हाल से कोई जो बा ख़बर रहता ख़याल उसका हमें भी तो उम्र भर रहता, जिसे भी

कुछ इस अदा से वो मेरे दिल ओ नज़र में रहा

kuch is ada se

कुछ इस अदा से वो मेरे दिल ओ नज़र में रहा ब क़ैद ए होश भी मैं आलम

ख़बर नहीं कि सफ़र है कि है क़याम अभी

khabar nahin ki safar

ख़बर नहीं कि सफ़र है कि है क़याम अभी तिलिस्म ए शहर में खोए हैं ख़ास ओ आम