सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो…

savan ko zara khul ke barasne ki dua do

सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो हर फूल को गुलशन में महकने की दुआ दो,

रास्ते जो हमेशा सहल ढूँढ़ते है

raste-jo-hamesha-sahal

रास्ते जो हमेशा सहल ढूँढ़ते है हो न हो वो सराबो में जल ढूँढ़ते है, जब भी लगता

आज जो तुम्हारी नज़र में एक तवायफ़ सी है वो…

आज जो तुम्हारी नज़र में एक तवायफ़ सी है वो तुम्हारी ही तो बनाई हुई बेअदब रिवायत सी

हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए…

har qadam kahta hai tu aya hai jaane ke liye

हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए मंज़िल ए हस्ती नहीं है दिल लगाने के

ख़राब लोगो से भी रस्म ओ राह रखते थे…

kharab logo se bhi rasm o raah rakhte the

ख़राब लोगो से भी रस्म ओ राह रखते थे पुराने लोग गज़ब की निगाह रखते थे, ये और

सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ…

sikhaya jo sabaq maa ne wo har pal nibhata hoo

सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ मुसीबत लाख आये सब्र दिल को सिखाता हूँ,

खुल के मिलने का सलीक़ा उन्हें आता नहीं…

khul kar milne ka saliqa unhe aata nahi

खुल के मिलने का सलीक़ा उन्हें आता नहीं और मेरे क़रीब तो कोई चोर दरवाज़ा नहीं, वो समझते

सहमा सहमा डरा सा रहता है…

sahma sahma dara saa rahta hai

सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है, काई सी जम गई है

कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है…

kitna bekar tamanna ka safar hota hai

कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है, यूँ मैं

इंशा जी उठा अब कूच करो, इस शहर में जी का लगाना क्या…

insha jee utha ab kooch karo

इंशा जी उठा अब कूच करो, इस शहर में जी का लगाना क्या वहशी को सुकूं से क्या