सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो…
सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो हर फूल को गुलशन में महकने की दुआ दो,
Life Status
सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो हर फूल को गुलशन में महकने की दुआ दो,
रास्ते जो हमेशा सहल ढूँढ़ते है हो न हो वो सराबो में जल ढूँढ़ते है, जब भी लगता
आज जो तुम्हारी नज़र में एक तवायफ़ सी है वो तुम्हारी ही तो बनाई हुई बेअदब रिवायत सी
हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए मंज़िल ए हस्ती नहीं है दिल लगाने के
ख़राब लोगो से भी रस्म ओ राह रखते थे पुराने लोग गज़ब की निगाह रखते थे, ये और
सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ मुसीबत लाख आये सब्र दिल को सिखाता हूँ,
खुल के मिलने का सलीक़ा उन्हें आता नहीं और मेरे क़रीब तो कोई चोर दरवाज़ा नहीं, वो समझते
सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है, काई सी जम गई है
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है, यूँ मैं
इंशा जी उठा अब कूच करो, इस शहर में जी का लगाना क्या वहशी को सुकूं से क्या