अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है

apne-thake-hue-dast

अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है जो माँगते नहीं रब से वो सब से माँगते

जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे

kaam is dil ki tabahi se kya liya jaaye

जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे कोई चराग जलाओ हवा दिखाई तो दे, तेरी गली

क्या सरोकार अब किसी से मुझे

kya-sarokar-ab-kisi

क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ?

rango-ki-aad-me

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ? हरा, भगवा में डूबे हुए केसरिया का

बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा

baad-marne-ke-mere

बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा मातम होगा कहीं, कहीं शहनाइयों का एहतिमाम

वो जो दिल के क़रीब होते है…

pyas jo umr bhar naa bujhi purani hogi

वो जो दिल के क़रीब होते है लोग वो भी अज़ीब होते है, पढ़ना लिखना जो जानते न

बात करते है यहाँ क़तरे भी समन्दर की तरह

baat karte hai yahan qatre bhi samndar ki tarah

बात करते है यहाँ क़तरे भी समन्दर की तरह अब लोग ईमान बदलते है कैलेंडर की तरह, कोई

क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब

kyun-ranva-rakhte-ho

क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब बीच में लाना पड़े थाना कचहरी बे सबब, मैंने

दुनियाँ में करने पड़ते है इतने समझौते

duniya-me-karne-padte

दुनियाँ में करने पड़ते है इतने समझौते कि मौत से पहले कई बार मर जाते है हम, ज़िन्दगी

बस इतनी बात पे बीबी खफ़ा है शौहर से

bas itni si baat pe bibi khafa hai shauhar se

बस इतनी बात पे बीबी खफ़ा है शौहर से कि माँ के हाथ पे ला कर दिहाड़ी रखता